Saturday, March 21, 2009

आर्सेनिक का जहर

200 किमी में फैला आर्सेनिक का जहर

नई दिल्ली, भाषा : गैंग्रीन, आंत, किडनी और मूत्राशय के कैंसर सहित कई बीमारियों का कारण बनने वाले आर्सेनिक युक्त जल का खतरा पश्चिम बंगाल के बाद अब उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में भी पैर पसार चुका है। इन सभी राज्यों से लिए गए पानी के नमूने में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से ज्यादा आर्सेनिक पाया गया है। वाटर कम्युनिटी इंडिया की अध्यक्ष मीनाक्षी अरोड़ा ने बताया कि आर्सेनिक युक्त जल के सेवन से होने वाली बीमारियां मानव जगत के लिए गंभीर चुनौती हैं। इससे पानी नमकीन हो जाता है और इससे गाल ब्लैडर और त्वचा कैंसर जैसी बीमारियां हो जाती हैं।

वर्ष 2008-09 के लिए यूनीसेफ द्वारा किए गए सर्वे में आर्सेनिक संकट वाले क्षेत्रों का पता चला है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने यूनीसेफ से यह सर्वे कराया है। सर्वे की प्राथमिक रिपोर्ट से राज्य के 31 जिलों में आर्सेनिक के खतरों की बात सामने आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार जल में आर्सेनिक की मात्रा प्रति अरब भाग में 10 भाग या प्रति लीटर में 0।05 माइक्रोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। लेकिन इन क्षेत्रों में किए गए सर्वे से पता चला है कि आर्सेनिक की मात्रा प्रति अरब भाग में 100 से 150 भाग हो गई है।

सावधानी के तौर पर उत्तर प्रदेश के सबसे प्रभावित जिलों बलिया एवं लखीमपुर में सैकड़ों की संख्या में नलकूपों को सील कर दिया गया है। अरोड़ा ने बताया कि सर्वे में उत्तर प्रदेश के बहराइच, चंदौली, गाजीपुर, गोरखपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, संतकबीर नगर, उन्नाव, बरेली और मुरादाबाद जिलों में अधिक आर्सेनिक की मात्रा पाई गई है।

जबकि राज्य के रायबरेली, मिर्जापुर, बिजनौर, मेरठ, संत रविदास नगर, सहारनपुर और गोंडा आंशिक रूप से प्रभावित जिलों में शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि दिल्ली के दक्षिण पश्चिम में दो सौ किलोमीटर क्षेत्र से भी अधिक आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र में बदल रहा है। यमुना के जल में भारी मात्रा में प्रदूषकों जैसे रासायनिक कचरे के कारण आर्सेनिक का प्रभाव पड़ रहा है।

बिहार में 12 जिलों के लोग आर्सेनिक युक्त जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं। राज्य सरकार ने भी इस बात को स्वीकार किया है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में आर्सेनिक का कहर सबसे भयानक रूप में सामने आया है। वहां लगभग 20 जिले गंभीर रूप से प्रभावित हैं और 70 लाख से अधिक लोग आर्सेनिक जनित बीमारियों की चपेट में हैं।

6 comments:

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

AAKASH RAJ said...

बहुत सुन्दर....
हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है

Vivek Ranjan Shrivastava said...

aapkA jAnJAgrAn safal ho ! :::::::::::::

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

uf! narayan narayan

वन्दना अवस्थी दुबे said...

शुभकामनायें...स्वागत है.

MAYUR said...

chunav ki hardik shubh kamnayein


अच्छी जानकारी दी आपने

हिन्दी ब्लॉग परिवार में आपका स्वागत है ,अपनी लेखनी से हिन्दी में योगदान दें ।
किसी प्रकार की कोई सहायता जगत के लिए पूरे ब्लॉग जगत से निसंकोच प्रश्न करें ,
वाह जी वाह , मज़ा आ गया
धन्यवाद
अपनी अपनी डगर